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चांद को अपनी दालान बना लेगा चीन, कहां और कैसे करेगा यूज, सामने आ गया ड्रैगन का प्लान

चीन अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. उसने एक महत्वपूर्ण परीक्षण किया है. इससे वह 2030 तक चांद पर अपने तीन यात्रियों को उतारने में सफल हो जाएगा. दरअसल, चीन ने हाल अपने चंद्र अंतरिक्ष यान मेंगझोउ पर एक सफल एस्केप फ्लाइट टेस्ट किया है. इसी से वह 2030 तक चांद पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को उतार सकेगा. मेंगझोउ का मतलब मंदारिन में ड्रीम शिप होता है. यह टेस्ट 17 जून को किया गया, जो 27 साल बाद दूसरा जीरो-एल्टिट्यूड एस्केप फ्लाइट टेस्ट था. पहला टेस्ट 1998 में शेनझोउ अंतरिक्ष यान के साथ हुआ था. इस सफलता ने न केवल चीन की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित किया, बल्कि चांद पर मानव मिशन और वहां एक स्थायी उपस्थिति स्थापित करने की उसकी दीर्घकालिक योजना को भी रेखांकित किया.

चंद्र मिशन की तकनीकी प्रगति

एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) के अनुसार मेंगझोउ अंतरिक्ष यान के रिटर्न कैप्सूल पर लॉन्च एस्केप सिस्टम या टावर का परीक्षण किया गया, जो सॉलिड रॉकेट मोटर्स (SRMs) से संचालित है. यह सिस्टम लॉन्च के दौरान किसी आपात स्थिति में कैप्सूल को रॉकेट से दो सेकंड के भीतर अलग करने में सक्षम है. 17 जून के टेस्ट में अंतरिक्ष यान और एस्केप टावर का संयुक्त सिस्टम लगभग 20 सेकंड में निर्धारित ऊंचाई तक पहुंच गया, जिससे इसकी विश्वसनीयता सिद्ध हुई. यह तकनीक चंद्र मिशन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अंतरिक्ष यात्रियों को किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है.

चांद पर उतरने की योजना

CNSA ने अपनी योजना को स्पष्ट करते हुए बताया कि 2030 तक लॉन्ग मार्च 10 रॉकेट के माध्यम से दो अलग-अलग लॉन्च किए जाएंगे. पहला लॉन्च लान्युए (चंद्र लैंडर) को चंद्र कक्षा में भेजेगा, जबकि दूसरा लॉन्च मेंगझोउ अंतरिक्ष यान को ले जाएगा, जिसमें तीन अंतरिक्ष यात्री होंगे. चंद्र कक्षा में दोनों यान एक-दूसरे से जुड़ेंगे (डॉकिंग), जिसके बाद अंतरिक्ष यात्री लान्युए में स्थानांतरित होकर चांद की सतह पर उतरेंगे. यह रणनीति इसलिए अपनाई गई क्योंकि अधिक शक्तिशाली लॉन्ग मार्च 9 रॉकेट 2030 के बाद ही उपलब्ध होगा. CNSA ने 2027 से 2030 के बीच लॉन्ग मार्च 10 के तीन प्रक्षेपणों की योजना बनाई है, जिसमें 2030 में चौथा और पांचवां लॉन्च चंद्र लैंडर और अंतरिक्ष यान के लिए होंगे.

चीन का दालान बनाने की महत्वाकांक्षा

चीन की चंद्र योजना केवल मानव लैंडिंग तक सीमित नहीं है. कुछ चीनी टिप्पणीकारों ने इसे और व्यापक दृष्टिकोण से देखा है. सिचुआन के एक कॉलमिस्ट ने पिछले महीने लिखा कि चांद पर उतरना हमारे देश की चंद्र अन्वेषण योजना का केवल एक छोटा सा हिस्सा है. हमारा बड़ा लक्ष्य चांद को चीन की दालान बनाना है. इस बयान से संकेत मिलता है कि चीन चांद पर एक स्थायी आधार स्थापित करने की योजना बना रहा है, जो भविष्य में वैज्ञानिक अनुसंधान, संसाधन उपयोग और संभवतः सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल हो सकता है. चांद के दक्षिणी ध्रुव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां पानी की बर्फ की उपस्थिति के कारण यह क्षेत्र वैज्ञानिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है. पानी को जीवन समर्थन और रॉकेट ईंधन के लिए उपयोग किया जा सकता है.

चीन की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी

चीन ने अपने चंद्र मिशन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने की बात कही है. उसने इंटरनेशनल लूनर रिसर्च स्टेशन (ILRS) परियोजना शुरू की है, जिसमें रूस, दक्षिण अफ्रीका, बेलारूस, अजरबैजान, वेनेजुएला, पाकिस्तान और मिस्र जैसे देश शामिल हैं. यह परियोजना अमेरिका के आर्टेमिस प्रोग्राम का विकल्प है, जिसमें चीन को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि अमेरिकी कानून (वुल्फ अमेंडमेंट) NASA को चीन के साथ सहयोग करने से रोकता है. ILRS का लक्ष्य चांद पर एक वैज्ञानिक आधार स्थापित करना है, जो सभी भागीदार देशों के लिए खुला होगा.

वैश्विक अंतरिक्ष दौड़ में चीन की स्थिति

चीन का अंतरिक्ष कार्यक्रम पिछले दो दशकों में तेजी से विकसित हुआ है. 2003 में पहला अंतरिक्ष यात्री भेजने से लेकर 2011 में अंतरिक्ष स्टेशन संचालन और चांग’ए मिशनों के माध्यम से चंद्र सतह से नमूने लाने तक, चीन ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. चांग’ए 6 मिशन ने 2024 में चांद के सुदूर हिस्से से नमूने लौटाए, जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि थी. इसके विपरीत, अमेरिका का आर्टेमिस प्रोग्राम देरी का सामना कर रहा है, विशेष रूप से अंतरिक्ष यान और लैंडर की तकनीकी चुनौतियों के कारण. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि चीन 2030 तक चांद पर मानव उतारने में अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है.

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former crime reporter DAINIK JAGRAN 2001 and Special Correspondent SWATANTRA BHARAT Gorakhpur. Chief Editor SAAMYIK HANS Hindi News Paper/news portal/

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