कोलकाता की सड़कों पर जल्द दौड़ेंगी CNG पीली टैक्सियां, शहर की पहचान बचाने की पहल

कोलकाता की पहचान बनी क्लासिक पीली टैक्सियों को नई ऊर्जा मिलने जा रही है। जल्द ही शहर की सड़कों पर 150 नई इको-फ्रेंडली CNG टैक्सियां दौड़ेंगी। ये टैक्सियां अपने पारंपरिक पीले रंग में ही रहेंगी, किनारों पर नीली पट्टी के साथ, ताकि कोलकाता की ऐतिहासिक पहचान बरकरार रहे।
राज्य सरकार और टैक्सी ऑपरेटरों के बीच समझौता
इस योजना को साकार करने के लिए राज्य सरकार और टैक्सी ऑपरेटर कंपनी के बीच गुरुवार को एक समझौता (MoU) किया गया। यह करार बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (BGBS) के अंतिम दिन संपन्न हुआ। परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार चाहती है कि पुरानी डीजल टैक्सियों के ड्राइवर इस नई योजना का हिस्सा बनें, क्योंकि उनकी गाड़ियां जल्द ही उम्र सीमा पार कर जाएंगी और उन्हें हटाना पड़ेगा।
‘यात्री साथी’ ऐप से बुकिंग की सुविधा
नई CNG टैक्सियों को राज्य सरकार के ‘यात्री साथी’ ऐप के जरिए बुक किया जा सकेगा। शुरुआत में 150 टैक्सियां चलाई जाएंगी, लेकिन हर महीने इनकी संख्या बढ़ाने की योजना है। परिवहन सचिव सौमित्र मोहन के अनुसार, इस समिट में परिवहन विभाग और चार कंपनियों के बीच कुल 1,575 करोड़ रुपये के निवेश के समझौते हुए हैं।
महिला यात्रियों के लिए ‘पिंक टैक्सी’ और अन्य सुविधाएं
परंपरागत पीली टैक्सियों के साथ, सरकार ने तीन नई परिवहन योजनाओं को भी मंजूरी दी है:
पिंक टैक्सी: यह सेवा सिर्फ महिला यात्रियों के लिए होगी और इन्हें महिला ड्राइवर ही चलाएंगी।
रेंट ए बाइक: इलेक्ट्रिक बाइक किराए पर लेने की सुविधा मिलेगी।
क्रूज टूरिज्म: कोलकाता में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई क्रूज सेवाएं शुरू की जाएंगी।
परिवहन विभाग के मुताबिक, 1,500 पुरानी मीटर वाली पीली टैक्सियां अगले साल के अंत तक चरणबद्ध तरीके से हटाई जाएंगी। यह फैसला 2008 में कोलकाता हाई कोर्ट के आदेश के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार 15 साल से पुरानी कमर्शियल गाड़ियां सड़कों पर नहीं चल सकतीं। इस समय कोलकाता में लगभग 4,500 एंबेसडर पीली टैक्सियां हैं, लेकिन 2026 के अंत तक इनकी संख्या घटकर 3,000 रह जाएगी। सरकार के इस कदम से कोलकाता की पहचान बनी पीली टैक्सियों को नए युग के अनुरूप ढालने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।