तिरुपति मंदिर में 4 नॉन-हिंदू कर्मचारी, आस्था के खिलाफ कर रहे थे काम, देवस्थानम कमेटी ने दिखाया बाहर का रास्ता

आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर मंदिर के प्रबंधन कमेटी (टीटीडी)ने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. उन पर गैर-हिंदू होने और अन्य धार्मिक आस्थाओं के प्रैक्टिस का आरोप लगा है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने इसकी जानकारी दी. निलंबित कर्मचारियों में डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (गुणवत्ता नियंत्रण) बी एलिज़ार, स्टाफ नर्स, बीआईआरआरडी अस्पताल, एम प्रेमवती, ग्रेड-1 फार्मासिस्ट, बीआईआरआरडी अस्पताल, और एसवी आयुर्वेद फार्मेसी की डॉ. जी असुंथा शामिल हैं.
टीटीडी ने इस घटना पर एक बयान जारी किया है. इसमें कहा गया है, ‘इन कर्मचारियों पर संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन करने और एक हिंदू धार्मिक संगठन का प्रतिनिधित्व और उसके लिए काम करते हुए अपने कर्तव्यों का गैर-जिम्मेदाराना ढंग से पालन करने का आरोप है.’ बयान में कहा गया है कि टीटीडी सतर्कता विभाग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों की जांच के बाद नियमों के अनुसार उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई और चारों कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया गया.
मंदिर परिसर में गैर-हिंदू और गैर पूजा काम पर प्रतिबंध
टीटीडी सूत्रों ने बताया कि बोर्ड ने टीटीडी में, खासकर उसके द्वारा शासित और प्रबंधित मंदिरों में, किसी भी गैर-हिंदू को काम करने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है. पिछले साल तिरुपति मंदिर में प्रसादम में छेड़छाड़ के बाद यह कदम उठाया गया है. 18 नवंबर को टीटीडी के नए अध्यक्ष बी.आर. नायडू के नेतृत्व में टीटीडी की पहली बैठक में बोर्ड ने गैर-हिंदुओं को ट्रांसफर करने और मंदिर परिसर में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था.
चंद्रबाबू नायडू ने लिया बड़ा फैसला
पिछले साल जून में तेलुगु देशम पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद, टीटीडी ने विभिन्न पदों पर कार्यरत कई गैर-हिंदू कर्मचारियों का तबादला कर दिया. इस साल फरवरी में, टीटीडी ने गैर-हिंदू धार्मिक गतिविधियों में कथित रूप से भाग लेने और उनका पालन करने के आरोप में 18 कर्मचारियों का तबादला कर दिया था.
कौन-कौन हुआ ट्रांसफर
अब तक स्थानांतरित कर्मचारियों में विभिन्न टीटीडी शैक्षणिक संस्थानों के छह शिक्षक, एक उप कार्यकारी अधिकारी (कल्याण), एक सहायक कार्यकारी अधिकारी, एक सहायक तकनीकी अधिकारी (विद्युत), एक छात्रावास कर्मचारी, दो इलेक्ट्रीशियन और दो नर्स शामिल हैं.