अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम बेल, सोशल मीडिया पर रोक

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ी राहत देते हुए अंतरिम ज़मानत दे दी है। यह फ़ैसला एक कथित विवादित सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़े मामले में आया है, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम घटनाओं से जोड़ा गया था।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने साफ़ किया कि प्रोफेसर महमूदाबाद फिलहाल सोशल मीडिया पर कोई भी टिप्पणी या पोस्ट ऑपरेशन सिंदूर या पहलगाम मुद्दे को लेकर नहीं कर सकेंगे। यह शर्त जांच प्रभावित न हो, इसके लिए लगाई गई है।
कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक विशेष जांच टीम (SIT) भी गठित करने का आदेश दिया है, जो निष्पक्ष रूप से मामले के तथ्यों की पड़ताल करेगी।
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद, जो राजनीतिक इतिहास और मुस्लिम विचारधारा पर अपने शोध के लिए जाने जाते हैं, पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ऐसा पोस्ट किया जिससे धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती थीं।
हालांकि उनके वकीलों ने दलील दी कि पोस्ट की मंशा केवल शैक्षणिक संवाद को बढ़ावा देने की थी, न कि किसी समुदाय को आहत करने की। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करते हुए अंतरिम राहत दी, लेकिन मामले की विस्तृत जांच के आदेश भी दिए हैं।