पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश का कहर: 14 से अधिक लोगों की मौत, असम में 78 हजार से अधिक प्रभावित

गुवाहाटी/ईटानगर/आइज़ोल:
पूर्वोत्तर भारत इन दिनों भीषण बारिश और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से जूझ रहा है। असम, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और 14 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। असम सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बनकर उभरा है, जहां 15 से अधिक जिलों में करीब 78,000 लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
बाढ़ और भूस्खलन से बड़े पैमाने पर नुकसान
तीव्र बारिश के चलते कई स्थानों पर सड़कें और पुल टूट गए, जबकि कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं ने हालात को और गंभीर बना दिया है। रेल और नौका सेवाओं पर भी असर पड़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, बिजली और चिकित्सा सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश बचाव प्रयासों में बाधा बन रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात
देश में बनी गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से फोन पर बात कर ताजा हालात की जानकारी ली। शाह ने ट्वीट कर बताया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है और मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।
असम में सबसे खराब हालात
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, राज्य के 15 से अधिक जिलों – जिसमें दरांग, धेमाजी, लखीमपुर और कछार शामिल हैं – में बाढ़ से हजारों लोगों के घर डूब गए हैं। कई राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां प्रभावित लोगों को आश्रय, भोजन और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है।
राहत और पुनर्वास कार्य जारी
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव और राहत कार्य में जुटी हैं। हेलीकॉप्टर से भोजन और जरूरी सामान की आपूर्ति की जा रही है। राज्य सरकारों ने प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों को अस्थायी राहत शिविरों में बदल दिया है और प्रशासन लोगों से सतर्क रहने की अपील कर रहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। खासकर असम, मेघालय, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया गया है।